नई दिल्ली : भूकंप की घटनाओं की निगरानी के लिए देशभर में स्थापित निगरानी स्टेशनों से प्राप्त रिपोर्ट से पता चला है कि बीते वर्ष के दौरान देशभर में तीन और उससे अधिक परिमाण के कुल 965 भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें से 13 भूकंप राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में दर्ज किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर को भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है।
पूरे देश में फैले भूकंप निगरानी स्टेशनों द्वारा पिछले साल 01 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 के दौरान दर्ज की गई भूकंप की घटनाओं के आधार पर यह जानकारी पृथ्वी विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन द्वारा संसद में एक प्रश्न के उत्तर के दौरान दी गई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) द्वारा देशभर में 115 भूकंप स्टेशनों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क संचालित किया जा रहा है।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि वर्ष 2021-22 के दौरान 35 अतिरिक्त फील्ड स्टेशन जोड़कर मौजूदा राष्ट्रीय भूकंप नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने की योजना है। इस प्रकार भूकंप निगरानी करने वाले केंद्रों की संख्या बढ़कर 150 हो जाएगी। इससे चुनिंदा स्थानों पर छोटे भूकंपों का पता लगाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भूकंप की पूर्व चेतावनी देने के लिए देश में सक्षम प्रणाली उपलब्ध नहीं है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र भू-विज्ञान सर्वेक्षण के सहयोग से भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली पर एक प्रायोगिक अध्ययन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
भूकंप के प्रति राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के सहयोग से दिल्ली तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में मैग्नेटोटेल्युरिक भू-भौतिकीय सर्वेक्षण, उपग्रह चित्रों एवं भूगर्भीय क्षेत्र अन्वेषण का विश्लेषण किया जा रहा है। इन अध्ययनों का उद्देश्य प्रमुख भूकंप स्रोतों / भ्रंश रेखाओं का पता लगाना एवं लक्षणों की पहचान करना है। ये अध्ययन भी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) द्वारा किए जा रहे हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र के अनुसार पूरे देश को चार भूकंप क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भूकंप के प्रति सबसे अधिक संवेदशील क्षेत्र-5 में कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी भाग, उत्तराखंड का पूर्वी भाग, गुजरात में कच्छ, उत्तरी बिहार के हिस्से, भारत के सभी उत्तर-पूर्वी राज्य तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। जबकि, भूकंप के खतरे के प्रति सबसे कम संवेदशनशील माने जाने वाले क्षेत्र-2 में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु एवं कर्नाटक के हिस्से शामिल हैं। (इंडिया साइंस वायर)