नई दिल्ली, 01 फरवरी: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की सीमित भागीदारी के बावजूद आधी आबादी ने इस क्षेत्र में अपनीविशिष्ट छाप छोड़ी है।अभिनव स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में उत्कृष्ट योगदान के लिए महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियोंको राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने हेतु भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)से सम्बद्ध निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) की ओर से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
महिला वैज्ञानिकों के योगदान को सम्मान एवं मान्यता प्रदान करने के साथ-साथ नई पीढ़ी को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव के विशेष अवसर पर टीडीबी द्वारा महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों के उत्कृष्ट योगदान को सम्मान, प्रोत्साहन और मान्यता प्रदान करने के लिए भारत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार (इंडिया नेशनल टेक एक्सीलेंस अवार्ड फॉर वूमेन) 2022की स्थापना की गई है।इस वर्ष 08 मार्चको अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
ये पुरस्कारदो श्रेणियों – राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक पुरस्कार और राष्ट्रीय महिला उद्यमी पुरस्कार, में उत्कृष्टता के लिए वर्गीकृत किए गए हैं। दोनों पुरस्कार वरिष्ठ (45 वर्ष और अधिक आयु) और युवा (45 वर्ष से कम आयु) की दो अलग-अलग उप-श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे। वरिष्ठ और युवा श्रेणी के लिए पुरस्कार विजेताओं को क्रमशः तीन लाख रुपये और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में दो पुरस्कारदिए जाएंगे।
आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) की वेबसाइट www.tdb.gov.in पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस पुरस्कार के लिए 15 फरवरी 2022, शाम 5:00 बजे तक आवेदन किया जा सकता है।
भारत सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, “किरण” (पोषण के माध्यम से अनुसंधान प्रगति में ज्ञान भागीदारी- केआईआरएएन), “गति” – (परिवर्तनकारी संस्थानों के लिए लैंगिक उन्नति- जीएटीआई) तथा कई अन्य महिला वैज्ञानिक योजनाओं एवं पहलों के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिला सशक्तिकरण पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य भारतीय महिलाओं की प्रतिभा का समर्थन करना एवं सहायता करना है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समृद्ध बनाने में महिलाओं का योगदान भी उल्लेखनीय है। गणितज्ञ और खगोलविद् सुश्री लीलावती;1977 में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय वैज्ञानिक जानकी अम्मल, पश्चिमी चिकित्सा विज्ञान में प्रशिक्षित होने वाली दक्षिण एशिया की पहली महिला चिकित्सकों में से एक कादम्बिनी गांगुली; भारतीय भौतिक विज्ञानी एवं मौसम विज्ञानी, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की पूर्व उप-महानिदेशक (डीडीजी) अन्ना मणि; टेस्ट ट्यूब शिशु (बेबी) को जन्म देने वाली पहली भारतीय महिला इंदिरा हिंदुजा; अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, बायोकॉन लिमिटेड, सुश्री किरण मजूमदार शॉ; अंतरिक्ष में पहली भारतीय महिला स्व. कल्पना चावला; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी ) का नेतृत्व करने वाली पहली महिला सचिव डॉ रेणु स्वरूप; और तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) की पहली महिला मुख्य महाप्रबंधक (सीएमडी) डॉ अलका मित्तल जैसी अनेक महिलाओं ने अंतरिक्ष वैमानिकी (एयरोस्पेस), चिकित्सा विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, मौसम विज्ञान जैसे कई अन्य क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। (इंडिया साइंस वायर)