किसी ने क्या खूब कहा है की सपने वो नही होते जो आप सोते वक्त देखते है बल्की सपने वो होते है जो आपको सोने नहीं देते ओर उनको पुरा करने में आप उनको अपनी पुरी सच्ची मेहनत और लगन के साथ लग जाते है और ऐसी ही मेहनत की बात हम कर रहे है उत्तराखंड के देहरादून में रहने वालीं चांदनी देवगन की जो इन दिनों सभी महिलाओं के लिए मार्गदर्शन बनी हुई है।
आपको बता दे की चांदनी देवगन सफलता के पीछे उनका खुद का हाथ है और यही सबसे बड़ी वजह है की वो इन दिनों महिलाओं के लिए मार्गदर्शन बनी हुई है। दरअसल आपको बता दें कि हाल ही में मिसेज इंडिया वन इन ए मिलीयन 2021 के शो का आयोजन हुआ था जिसमें चांदनी देवगन ने अपनी मेहनत के बलबूते पर सेकंड रनर उप का खिताब और मिसेज बोल्ड एंड ब्यूटीफुल का टाइटल जितने में कामयाबी हासिल की थी।
मिडिया से बात करते हुए चांदनी ने सबसे पहले शो के दोनो आयोजक प्रशान्त चौधरी और स्वाति दिक्षित का धन्यवाद किया जिन्होंने इतना बेहतरीन मंच हमें प्रदान किया जहां पर हम अपने टैलेंट को दिखा पाए। चांदनी ने आगे बताया की मेरी ताकत मेरे दोनो बच्चे है जिनकी बदौलत आज में इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं क्योंकि मेरे बच्चो ने मुझे इतना मोटीवेट किया और हर वक्त मुझे सपोर्ट और कुछ न कुछ बताया करते रहते थे। तो आज उन्हीं की बदोलत में इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं।
जब चंदानी से ये पूछा गया की आप में इतना आत्मविश्वास कैसे आया और किस तरह अपने अकेले रहते हुए इस मुकाम को हासिल किया तो चांदनी बताती है जब हम अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना लेते है। तो फिर किसी भी कामयाबी को हासिल करना कोई मुश्किल बात नही होती ओर मेने भी वैसा किया अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर आगे बढ़ती रही और इस कामयाबी को हासिल कर अपने नाम किया। चांदनी ने आगे बताया की में इस टाइटल का उपयोग कर बाकी सभी महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हैं कि शिक्षा, और यदि संभव हो तो उच्च शिक्षा उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता होनी चाहिए।
चांदनी युवा पीढ़ी की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती हैं और इस टाइटल का उपयोग एक पहल शुरू करने के लिए करना हैं। उन्हें इस बात का जुनून है कि हर लड़की को शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे बड़े सपने देख सकें और उन्हें हासिल कर ऊंची उड़ान भर सकें।