हमने शासन के साथ प्रशासन को भी बनाया संवेदनशीलः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने सेवा सेतु कार्यक्रम के लाभार्थियों को ४.७५ करोड़ की उपकरण सहायता और कोरोना काल में अनाथ हुए ३९६३ बच्चों को आर्थिक सहायता वितरित की
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राज्य की विधवा महिलाओं के पुनर्वास के लिए ‘गंगा स्वरुपा पुनः लग्न आर्थिक सहाय योजना’ के अंतर्गत राज्य सरकार देगी ५० हजार रुपए की सहायता
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कोरोना काल में माता-पिता में से किसी एक को खोने वाले अनाथ बच्चे को ‘एक वाली योजना’ के तहत प्रतिमाह २ हजार रुपए की सहायता देगी राज्य सरकार
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श्री नरेन्द्र मोदी के विकास, जनभागीदारी और ईमानदारी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं हम
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने कहा कि पंडित दीनदयाल के एकात्म मानववाद के सिद्धांत का अनुसरण कर कल्याण राज्य के ध्येय को साकार करने के लिए सरकार ने शासन के साथ प्रशासन को भी संवेदनशील बनाया है।
उन्होंने कहा कि महामारी और चक्रवाती तूफान तौकते के दौरान जनता की सेवा में प्रशासन ने अभूतपूर्व संवेदनशीलता बरती है, न अपने कदम पीछे खींचे और न ही पलायन किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार मोटी चमड़ी की नहीं बल्कि गरीबों, पीड़ितों और शोषितों की संवेदनशील सरकार है। समाज के कमजोर वर्गों की सेवा ही हमारा मंत्र है।
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर सोमवार, २ अगस्त को संवेदना दिवस पर मुख्यमंत्री ने राज्यव्यापी ‘सेवा सेतु कार्यक्रम’ के छठे चरण का राजकोट से शुभारंभ करते हुए कई महत्वपूर्ण योजनागत घोषणाएं भी कीं।
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने उनके जन्मदिन पर संवेदनापूर्वक घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की विधवा महिलाओं के पुनर्वास के लिए ‘गंगा स्वरूपा पुनः लग्न आर्थिक सहायता योजना’ के अंतर्गत राज्य सरकार ५० हजार रुपए प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि कष्टपूर्ण वैधव्य जीवन जीने वाली महिलाएं पुनर्विवाह करने को प्रेरित हों और स्वावलंबी बनकर नये जीवन की शुरुआत करे उसके लिए यह योजना शुरू की है।
उन्होंने अन्य एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना काल में माता या पिता किसी एक अभिभावक को खोने वाले बच्चे को भी राज्य सरकार प्रतिमाह २ हजार रुपए की आर्थिक सहायता ‘एक वाली योजना’ यानी एक अभिभावक योजना के तहत देगी। कोरोना काल में अपने पालनहार को गंवाने वाला एक भी बच्चा निराधार न रहे और आर्थिक सहायता प्राप्त कर उज्ज्वल करियर का निर्माण कर सके उसके लिए यह निर्णय लिया गया है।
श्री रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता केवल मनुष्य तक ही सीमित न रहकर जीव या प्राणीमात्र तक फैली है। एनिमल एंबुलेंस, करुणा अभियान और पांजरापोलों को कोरोना काल में आर्थिक सहायता जैसे राज्य सरकार के कदमों का उन्होंने इस अवसर पर उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तृत्व की पराकाष्ठा कर हमने निर्णायकता, संवेदनशीलता, प्रगतिशीलता और पारदर्शिता के चार स्तंभों पर पांच वर्ष तक जनता को सुशासन दिया है। श्री नरेन्द्र मोदी के विकास, जनभागीदारी और ईमानदारी के पदचिन्हों पर हम चल रहे हैं। नौ दिनों तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम सरकार के पांच वर्ष पूरे होने का उत्सव नहीं है बल्कि राज्य सरकार का जनता की सेवा का महायज्ञ है।
उन्होंने सेवा सेतु को राज्य सरकार की संवेदनशीलता का अनूठा उदाहरण करार देते हुए कहा कि अब लोगों को अपने सरकारी कामकाज के लिए कार्यालयों के धक्के खाने की जरूरत नहीं रही। लोगों का काम करने के लिए सरकार आगे बढ़कर उनके द्वार पर आई है।
उन्होंने आगे कहा कि सेवा सेतु के बाद अब ई-सेवा सेतु के माध्यम से लोग आवश्यक सरकारी प्रमाण पत्र, दस्तावेज और योजनागत लाभ आदि घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं। सरकार ने विभिन्न विभागों की ५५ सेवाओं को ई-सेवा सेतु के साथ जोड़ दिया है। ऑप्टिकल फाइबर का जाल बिछाकर गुजरात के गांवों को ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराई है। सेवा सेतु के कार्यान्वयन से पारदर्शिता लाकर भ्रष्टाचार को दूर करने को राज्य सरकार कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने उनके जन्मदिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया और उपस्थितों का अभिवादन स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में समाज सुरक्षा विभाग और जे.एम. फाइनेंसियल फाउंडेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। कोरोना में अभिभावक की छत्रछाया खोने वाले प्रत्येक बच्चे की ५० हजार रुपए तक की वार्षिक स्कूल फीस जे.एम. फाउंडेशन बच्चे के स्कूल में सीधे जमा कराएगा। श्री रूपाणी ने जे.एम. फाउंडेशन के इस प्रशंसनीय दृष्टिकोण की सराहना की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सेवा सेतु कार्यक्रम के विभिन्न लाभार्थियों को ४.७५ करोड़ रुपए की उपकरण सहायता और कोरोना काल में अनाथ बने ३९६३ बच्चों को आर्थिक सहायता वितरित की तथा राजकोट महानगर पालिका के सिटीजन पोर्टल का शुभारंभ किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री ईश्वरभाई परमार ने कोरोना काल में माता-पिता की छत्रछाया गंवाने वाले बच्चों के लिए राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा सहाय योजना’ की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना आने वाले कल के नागरिक और आज के हमारे बच्चों के भविष्य के लिए राज्य सरकार की चिंता का प्रतिबिंब है।
इस अवसर पर ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’, ‘एक वाली योजना’ और ‘गंगा स्वरूपा महिला पुनःलग्न आर्थिक सहाय योजना’ की जानकारी देने वाले एक वृत्त चित्र का प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम में राजकोट के महापौर डॉ. प्रदीप डव, सांसद श्री मोहनभाई कुंडारिया, मुख्य सचिव श्री अनिल मुकीम, मुख्य प्रधान सचिव श्री के. कैलाशनाथन, सचिव श्रीमती सुनयना तोमर, श्री के.के. निराला, मनपा आयुक्त श्री अमित अरोरा, जिला विकास अधिकारी श्री देव चौधरी, श्रीमती अंजलिबेन रूपाणी, श्री कमलेश मीराणी और श्री नितिन भारद्वाज सहित सेवा सेतु कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी उपस्थित थे।