नई दिल्ली, 12 जनवरी: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) नेएंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का मंगलवार को अंतिम सफल परीक्षण किया है। यह मानव संचालितएंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसे स्वदेश में विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी वक्तव्य में बताया गया है कि यह टैंक रोधी मिसाइल कम भार वाली, ‘दागो और भूल जाओ मिसाइल’ है, क्योंकि इसे दागे जाने के बाद पुनः निर्देशित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, और फिर धुआं भी नहीं निकलता।
परीक्षण के दौरान इस मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत मानव संचालित लॉन्चर से दागा गया है। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य परप्रहार कर उसे सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। परीक्षण को कैमरे में कैद किया गया है, जिसमें मिसाइल ने अपनी क्षमताओं को पुष्ट करते हुए सभी उद्देश्यों पूरा किया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस मिशन के दौरान सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया है। मिसाइल ने ऑन-बोर्ड नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर तथा एडवांस्ड एवियोनिक्स को सीमित कर दिया है। मिसाइल के कार्य-निष्पादन को पहले की परीक्षण जांचों में अधिकतम सीमा तक के लिए प्रमाणित किया गया है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल की निरंतर सफलताओं के लिए डीआरडीओ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली विकास में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने परीक्षण के दौरान मिसाइल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टीम को बधाई दी है। (इंडिया साइंस वायर)