सूरत: ग्रीनमैन के नाम से लोकप्रिय विरल देसाई को हाल ही में सूरत के एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय के लूथरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में एमबीए प्रोग्राम के लिए अकादमिक करिकुलम कमिटी में एक प्रमुख स्थान दिया गया है। गौरतलब है कि पाठ्यक्रम का मार्गदर्शन करने वाली विशेषज्ञों की इस समिति में व्यवसाय जगत के केवल एक ही व्यक्ति को जगह मिली है।
इस अवसर पर ग्रीनमैन देसाई ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “एक समय में मैंने जो पाठ्यक्रम पढ़ा है, उस पर मार्गदर्शन देने का अवसर मिलना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत गर्व और भावना का विषय है। साथ ही मुझे इस बात की भी खुशी है कि बिजनेस की दुनिया से मैं अकेला ही हूँ। मैंने व्यक्तिगत रूप से देखा है कि थियोरेटिकल मैनेजमेंट और एक्चुअल मैनेजमेंट के बीच बहुत बड़ा अंतर है। इसलिए हम छात्रों को जीवनलक्षी मैनेजमेंट सिखाने का प्रयास करेंगे।’
उन्होंने लूथरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रशासकों और प्रोफेसरों के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि विरल देसाई ने व्यक्तिगत रूप से इस जिम्मेदारी के लिए संस्थान द्वारा उन्हें दिए गए मुआवजे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और घोषणा की कि वह इस पवित्र शिक्षा कार्य के लिए प्राप्त राशि को वृक्षारोपण के कार्य में दान करेंगे।
उल्लेखनीय है कि विरल देसाई ने उधना स्टेशन को डिजाइन किया है, जो देश, एशिया और दुनिया का पहला ग्रीन रेलवे स्टेशन है। अब तक उन्हें ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में पांच राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें ऊर्जा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए गुजरात सरकार और भारत सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। तो विरल देसाई की सफल नेतृत्व के लिए उन्हें बेस्ट इंडस्ट्रीज का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ हैं।