नई दिल्ली: देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं शोध को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2021 के बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इस वर्ष, विज्ञान-प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। इन दोनों विभागों को कुल 16,695 करोड़ रुपये बजट में प्रदान किए गए हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि बजट में यह बढ़ोतरी शोध एवं विकास को प्रोत्साहित करेगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि देश में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही, डीप ऑशन मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसका बजट 4,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। उन्होंने बताया कि अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल के लिए नौ शहरों में अम्ब्रेला स्ट्रक्चर स्थापित किए जाएंगे।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के बजट में 22.88 प्रतिशत, डीएसटी के बजट में 21.14 प्रतिशत, डीबीटी 52.28 प्रतिशत और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में 45.93 प्रतिशत वृद्धि की गई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी नीति तथा ज्ञान आधारित अनुवाद के लिए नेशनल ट्रांसलेशन मिशन की घोषणा भी बजट में की गई है। इसके अलावा, अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और हाइड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने की घोषणा भी इस बार बजट में की गई है। (इंडिया साइंस वायर)