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ऑटोनोमस एवं कनेक्टेड वाहनों पर शोध के लिए नई साझेदारी

New Partnership for Research on Autonomous and Connected Vehicles

नई दिल्ली: मोबाइल फोन पर आप कोई मोबिलिटी ऐप डाउनलोड करते हैं, उस पर पंजीकरण करते हैं, और विभिन्न शहरों में कार शेयरिंग जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसी तरह, इंटरनेट कनेक्टेड कारें भी फिक्शन स्टोरी से बाहर निकलकर असल जिंदगी में दाखिल हो चुकी हैं। ड्राइवर रहित अथवा ऑटोनोमस कारों के साथ-साथ पर्यावरण हितैषी इलेक्ट्रिक कारें भी सड़कों पर उतर रही हैं। अत्याधुनिक वाहनों की इन विशेषताओं को समन्वित रूप से कनेक्टेड, ऑटोनोमस, शेयर्ड, इलेक्ट्रिक (CASE)व्हीकल के रूप में जाना जाता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली और एमजी मोटर इंडिया अबकेस (CASE) मोबिलिटी के क्षेत्र में एक साथ मिलकर काम करेंगे।

आईआईटी, दिल्ली द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि इस साझेदारी का लक्ष्य केस (CASE) मोबिलिटीयानी कनेक्टेड-ऑटोनोमस-शेयर्ड-इलेक्ट्रिक के क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना है। इस पहल के अंतर्गत भारतीय शहरों में इलेक्ट्रिक और ऑटोनोमस वाहनों की तैनाती के लिए अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है।इसके अंतर्गत अत्याधुनिक वाहनों से संबंधित जिन विषयों पर प्रमुखता से शोध किया जाएगा, उनमें रूट प्लानिंग एवं नेविगेशन, ऑब्सट्रक्ट डिटेक्शन, सीमलेस ऐंड नेचुरल ह्यूमन इंटरेक्शन,हस्तक्षेप के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और फैसले लेने से संबंधित क्षेत्रों के लिए कनेक्टेड मोबिलिटी शामिल होगी।

इस साझेदारी के अंतर्गतआईआईटी, दिल्ली का सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च ऐंड ट्राइबोलॉजी(CART)एमजी मोटर इंडिया के साथ भविष्य के मोबिलिटी सॉल्यूशन्स पर काम करेगा। यह साझेदारी फाउंडेशन फॉर इनोवेशन ऐंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी, दिल्ली के माध्यम से की गई है। कार्ट (CART)बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों, स्टोरेज एवं वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, ऑटोनोमस एवं कनेक्टेड वाहनों के क्षेत्र में हाई-ऐंड रिसर्च और डेवेलपमेंट के लिए जाना जाता है। वहीं, एफआईटीटी का संबंध आईआईटी, दिल्ली में अनुसंधान परिणामों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने से संबंधित है।

एमजी मोटर इंडिया के साथ इस शोध साझेदारीके बारे में आईआईटी, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा है कि “आईआईटी, दिल्ली हमेशा इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में सबसे आगे रहा है। एमजी मोटर इंडिया के साथ हमारा जुड़ाव हमें ऑटोनोमस वाहनों के परीक्षण के लिए आदर्श मंच प्रदान करता है। हमारा मानना है कि ई-मोबिलिटी के भविष्य में ऑटोनोमस और कनेक्टेड वाहनों के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं।”

एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने कहा है कि “एमजी में हमारा फोकस हमेशा ऑटोमोटिव स्पेस में ग्राउंड-ब्रेकिंग इनोवेशन्स पर रहा है। इस साझेदारी को लेकर हमें विश्वास है कि यह पहल आईआईटी, दिल्ली के छात्रों को शहरी स्थितियों में ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने में प्रभावी भूमिका निभायेगी।”

एमजी मोटर इंडिया और आईआईटी, दिल्ली इससे पहले भी जियोफेंसिंग के माध्यम से इन-कार सेफ्टी सीट परियोजना को बढ़ाने के लिए साथ काम कर चुके हैं। एमजी ने पहली इंटरनेट इलेक्ट्रिक एसयूवी – एमजी जेडएस ईवी और पहली ऑटोनोमस लेवल-1 प्रीमियम एसयूवी – ग्लॉस्टर पेश की है। कार निर्माता ने अपनी जेडएस ईवी कार आईआईटी, दिल्ली को शोध कार्यों में सहयोग के लिए प्रदान की है। (इंडिया साइंस वायर)

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