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13 वर्षीय भाविका माहेश्वरी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू पर पहली मोटिवेशनल पुस्तक लिखी

Surat's 13-year-old Bhavika Maheshwari writes first motivational book on Presidential candidate Droupadi Murmu

राष्ट्रपति उम्मीदवार मुर्मू पर लिखी पहली मोटिवेशनल पुस्तक के साथ भाविका माहेश्वरी

सूरत, गुजरात: झोपड़ी में जन्म लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवार बनना विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की खूबसूरती है।सबका साथ सबका विकास मंत्र मुर्मू एक उत्तम उदाहरण है। गरीबी, संघषों से लड़ते हुए मुर्मू राष्ट्रपति बनती है तो पूरे विश्व मे एक सकारात्मक संदेश जाएगा। आधी आबादी वीमेन एम्पोवेर्मेंट की बात भी साबित होगी।

ये पुस्तक पूरे विश्व के लिए मोटिवेशनल बुक साबित होगी अभी तक हमने नेल्सन मंडेला एवं अब्राहम लिकंन के बाद ये  नाम पूरे विश्व को नई प्रेरणा देगी।

द्रौपदी मुर्मू से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कर्म पथ पर लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए और जीवन एक संघर्ष का हिस्सा है संघर्ष आएंगे और हमें कर्म करते आगे बढ़कर उस संघर्षों से पार पाना है और समाज सेवा राष्ट्र सेवा में लगे रहना है।

भाविका ने आगे बताया कि राष्ट्पति चुनाव में जीतने के तुरंत बाद ये हिंदी मोटिवेशनल बुक प्रिंट करवा कर विमोचन किया जाएगा साथ ही अन्य तीन भाषाओं इंग्लिश, गुजराती एवं उड़िया में प्रिंट की जाएगी।

पुस्तक से जो भी आय होगी उसे आदिवासी लड़कियों की शिक्षा में उपयोग किया जाएगा। पुस्तक का आईडिया भाविका अभी हाल ही राष्ट्रपति भवन विजीत से आया। भाविका माहेश्वरी क्लास 8 वी की छात्रा है वो सूरत की स्कॉलर इंग्लिश अकेडमी में पढ़ती है।

भाविका माहेश्वरी को अभिनेत्री अमीषा पटेल (गदर फेम्) एवं सांसद भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी द्वारा हॉल ही ग्लोबल इंडिया नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2022  सम्मान दिया गया, सबसे कम उम्र में आध्यात्मिक वक्ता एवं मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भाविका माहेश्वरी ने 10 वर्ष उम्र के दौरान  राम कथा द्वारा ₹52 लाख समर्पण निधि इकठ्ठा की।

3150 कैदियों को लाजपोर  जेल सूरत  (सेंट्रल जेल) में जाकर विचार शुद्धि कथा से लेकर हरियाणा,राजस्थान, उत्तरप्रदेश  में  कथा, मोटिवेशनल कार्यक्रम किये। भाविका माहेश्वरी ने अब तक 10 हजार से ज्यादा बच्चों को पब्जी एवं मोबाइल एडिक्शन अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया है। भाविका माहेश्वरी Most People in Speech relay में गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर  बनी। इसके पहले “आज के बच्चें कल के भविष्य” पुस्तक  लिखी जिसे बच्चों ने बहुत पसंद किया है। भाविका कोविड आइसोलेशन सेंटर में जाकर कोविड पेशेंट हेतु मोटिवेशनल कथा भी कर चुकी है। भाविका माहेश्वरी इंटरनेशनल चिल्ड्रन फोरम की फाउंडर भी हैं।

मुर्मू जी की इस  मोटिवेशन पुस्तक से  प्रभावित होकर सूरत के उद्योगपति रामरतन जी भूतड़ा (आर आर ग्रुप के चेयरमैन)ने एक लाख का चेक आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए राष्ट्रपति जी को अर्पण करने की इच्छा जाहिर की है।

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