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ग्रामीण आत्मनिर्भरता का सूत्रधार बनी प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी

Technology exhibition became the facilitator of rural self-reliance

नई दिल्ली, 26 अप्रैल: भारत की आत्मा उसके गाँवों में बसती है। भारत में छह लाख से अधिक गाँव हैं, छह हजार से अधिक ब्लॉक, और 750 से अधिक जिले हैं,और सभी पंचायती राज प्रणाली द्वारा शासित हैं। पंचायती राज संस्था को भारत के सबसे पुराने शासी निकायों में से एक माना जाता है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की पल्ली पंचायत में प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की गई है। 24 से 26 अप्रैल तक चलने वाली इस तीन दिवसीय प्रौद्योगिकी प्रदर्शनीमें ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मददगार प्रौद्योगिकियों को दर्शाया गया है।

गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण आजीविका विकास को बढ़ावा देने में उपयोगी आधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं नवाचारों को इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है। ड्रोन आधारित मैपिंग से लेकर जम्मू में बैंगनी क्रांति का पर्याय बनी लैवेंडर की खेती, सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन; हींग, केसर, दालचीनी जैसे बहुमूल्य उत्पादों की खेती से जुड़ी प्रौद्योगिकी, एकीकृत कीट प्रबंधन, बाँस अपशिष्ट से चारकोल बनाने की तकनीक, और किसानों के उत्पादों को बेचने में मददगार किसान सभा ऐप इत्यादि इस प्रदर्शनी में शामिल हैं, जो गाँवों के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।

रविवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं पल्ली में लगी इस प्रदर्शनी को देखने पहुँचे थे। लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पंचायतें भारतीय लोकतंत्र का आधारस्तंभ हैं, जिनकी मजबूती में ही नये भारत की समृद्धि निहित है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में पंचायतों को और अधिक सशक्त करने का संकल्प लेने का आह्ववान किया है।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सांबा में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई है।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि स्टार्ट-अप्स को प्रेरित करने, और देश भर में आजीविका के नये अवसरों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की गई है। पल्ली में लगी इस विज्ञान प्रदर्शनी को देखने के लिए स्कूली बच्चों एवं कॉलेज छात्रों के साथ-साथ बड़ी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी, और ग्रामीण विकास से जुड़ी सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि पहुँच रहे हैं।

सांबा जिले का पल्ली, जो देश का पहला कार्बन न्यूट्रल गाँव बनकर उभरा है, ग्रामीण भारत के लिए एक मिसाल बन गया है। पल्ली में 340 घरों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू यात्रा के दौरान सौर ऊर्जा की सौगात मिली है। पल्ली में 500 केवी क्षमता का सौर संयंत्र स्थापित किया गया है।अब पल्ली पंचायत के घरों को स्वच्छ बिजली और प्रकाश मिल सकेगा, जिससेयह गाँवभारत सरकार के ‘ग्राम ऊर्जा स्वराज’ कार्यक्रम के तहत पहली कार्बन तटस्थ पंचायत बनकर उभरा है।विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के अंतर्गत कार्यरत भारत सरकार के उद्यम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) द्वारा 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में पल्ली में ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर (GMSP) संयंत्र स्थापित किया गया है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदर्शनी में गरीबी उन्मूलन, आजीविका वृद्धि, स्वस्थ गाँव, बच्चों के अनुकूल गाँव, जल सुलभ गाँव, स्वच्छ एवं हरा-भरा गाँव, गाँव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा जैसे विषय शामिल किये गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज के विषयों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एकीकरण को प्रदर्शित करने वाले स्टाल इस प्रदर्शनी में प्रमुखता से लगाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आयोजन में पारंपरिक स्टॉल के बजाय, नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन करने का प्रयास किया गया है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सक्षम हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय, वैज्ञानिक तथा औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), अंतरिक्ष विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, सर्वे ऑफ इंडिया, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, अंतरिक्ष विभाग, और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया सहितविभिन्न विभाग एवं मंत्रालय इस प्रदर्शनी में ग्रामीण विकास से जुड़ी अपनी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। (इंडिया साइंस वायर)

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