गांव से राष्ट्र निर्माण तक,कपिल शर्मा की प्रेरणादायक कहानी

नई दिल्ली: भारत में विकास की परिभाषा अक्सर बड़ी इमारतों, हाईवे और चमचमाते शहरों से जुड़ी होती है। लेकिन इन सबके पीछे वो लोग होते हैं, जो बिना चर्चा में आए, देश की असली नींव मजबूत करते हैं। कपिल शर्मा एक ऐसे ही सच्चे निर्माता हैं—जिनकी यात्रा खेतों और धूल भरी गलियों से शुरू होकर देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं तक पहुँची है।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे कपिल ने बचपन में कठिनाइयों को नज़दीक से देखा। गांव में टूटी सड़कों, बरसात में बहते रास्तों और अनियमित जल आपूर्ति जैसी समस्याएं उनके जीवन का हिस्सा थीं। लेकिन उन्होंने इन परेशानियों को जीवन की बाधा नहीं, बदलाव की प्रेरणा बनाया।

शिक्षा और मेहनत के दम पर उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण में करियर चुना—और उन चुनौतियों की ओर बढ़े जहां ज़्यादातर लोग रुक जाते हैं।

टनकपुर नदी मोड़ परियोजना उनकी काबिलियत की असली परीक्षा थी। बाढ़ प्रभावित यह इलाका अत्यंत जोखिमभरा था। जहाँ कई कंपनियों ने पीछे हटने का फैसला किया, वहीं कपिल ने लीड लिया। उन्होंने न केवल परियोजना को समय से पहले पूरा किया, बल्कि सुरक्षा और गुणवत्ता के नए मानक भी स्थापित किए। इस सफलता ने उन्हें देशभर में जल संरचना विशेषज्ञ के रूप में एक अलग पहचान दी।

इसके बाद उनका सफर केवल आगे बढ़ता गया। उत्तर भारत की बर्फीली पहाड़ियों से लेकर सुदूर गांवों तक, कपिल ने ऐसे प्रोजेक्ट पूरे किए जो आम लोगों के जीवन में असली बदलाव लाते हैं। उनके बनाए पुल, बांध और सड़कों से अब न केवल लोग सुरक्षित यात्रा कर पाते हैं, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था भी गतिशील हुई है।

सरकार की प्रतिष्ठित परियोजनाओं में नेतृत्व

कपिल शर्मा का नाम आज भारत सरकार की कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से जुड़ा है—जहां उनका कार्य राष्ट्रीय महत्त्व का हिस्सा बन चुका है।

🔸ऊर्जा क्षेत्र में योगदान:

कपिल शर्मा ने NHPC के 600 मेगावाट और 300 मेगावाट जैसे पावरहाउस की संचालन व निगरानी में अहम भूमिका निभाई है। ये पावरहाउस लाखों घरों को बिजली की रौशनी देने के साथ-साथ देश की औद्योगिक प्रगति का आधार हैं।

🔸उज्ज्वला योजना के तहत LPG नेटवर्क:

देशभर में गैस भंडारण डिपो, एलपीजी प्लांट और फिलिंग स्टेशन की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा है। इससे दूर-दराज़ गांवों में भी महिलाओं को स्वच्छ ऊर्जा सुलभ हुई, जिससे उनका स्वास्थ्य और सम्मान दोनों सुरक्षित हुए।

🔸राष्ट्रीय राजमार्ग व पुल:

कपिल शर्मा NHAI की छह लेन हाईवे परियोजना और 19वें पुल निर्माण में लीड पार्टनर के रूप में कार्य कर चुके हैं। इन संरचनाओं ने न केवल आवाजाही को सरल बनाया, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और पर्यटन को भी नया बल दिया।

🔸शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्माण कार्य:

2024 में, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय (75 एकड़ परिसर) का निर्माण कपिल शर्मा की अगुवाई में रिकॉर्ड समय में हुआ। आज यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।

विकास में मानवता की सोच

कपिल शर्मा का मानना है कि सिर्फ निर्माण नहीं, बल्कि लोगों के जीवन को बदलना असली विकास है। यही वजह है कि वे हर परियोजना में श्रमिकों की सुरक्षा, स्थानीय युवाओं को रोज़गार और पर्यावरण संतुलन जैसे मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं।

उनकी कार्यशैली में तकनीकी आधुनिकता और ज़मीनी सादगी का मेल है। वे केवल टेंडर के आंकड़े नहीं देखते—बल्कि यह सोचते हैं कि इससे कितने घरों में उजाला पहुंचेगा, कितने बच्चों को स्कूल का रास्ता मिलेगा, और कितनों की ज़िंदगी बेहतर होगी।

कपिल शर्मा उन लोगों के प्रतिनिधि हैं जो चुपचाप देश के निर्माण में लगे हैं—बिना तमगे के, बिना प्रचार के। उनकी सोच, समर्पण और सादगी आज के समय में एक मिसाल है।

“मकसद केवल निर्माण करना नहीं है, मकसद है विश्वास बनाना।”

विकास की असली परिभाषा कपिल जैसे कर्मयोगियों से मिलती है—जो मिट्टी से खड़े होकर, ईमानदारी से देश की नींव गढ़ते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

22,027FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles