कोविड-19 प्रकोप के दौरान भारत ने 150 देशों को प्रदान की सहायता

नई दिल्ली : दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में कोविड-19 महामारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा द्वितीय युद्ध में मारे गए उसके कुल सैनिकों की संख्या को भी पार कर चुका है। इस महामारी ने विकसित और सक्षम यूरोपीय यूनियन को भी घुटनों पर ला दिया। भारत कोविड-19 के कारण उत्पन्न घोर निराशा के अंधेरे में उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। भारत ने अपनी विशाल आबादी को कोविड-19 के खतरे से बचाने के अलावा इस कठिन समय में दुनिया की भी चिंता और सहायता की है।

हाल ही में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लोकसभा में बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों के रूप में 150 देशों को सहायता प्रदान की है। इसमें 82 देशों को लगभग 80 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी शामिल है। इन 82 देशों में चीन, इस्राइल जैसे विकसित देशों के साथ-साथ केन्या और श्रीलंका जैसे विकासशील देश भी शामिल हैं। इसके साथ ही, भारत ने अन्य देशों में महामारी के विरुद्ध लड़ने में सहायता प्रदान करने के लिए कुछ देशों में रैपिड रिस्पांस मेडिकल टीमें भी भेजी। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत ने बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, भूटान, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, श्रीलंका, बहरीन और ओमान को सहायता के रूप में कोविड वैक्सीन की भी आपूर्ति की है।

एक अन्य प्रश्न के जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने भारत को जापान, संयुक्त राष्ट्र, फ्रांस, जर्मनी और इस्राइल सहित कुछेक देशों से चिकित्सा उपकरणों और अनुदान के रूप में सहायता प्राप्त होने की भी बात कही। 

भारत अपने वैक्सीन मैत्री मिशन के तहत दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन पहुँचाकर लगातार मदद कर रहा है। हाल ही में, कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर वार्ता की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत, कनाडा के टीकाकरण प्रयासों में हर संभव मदद करने की कोशिश करेगा जैसा कि उसने कई अन्य देशों के लिए किया है। 

भारत अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान को भी मेड इन इंडिया मिशन के तहत बनी कोरोना वैक्सीन की 5 लाख डोज भेज चुका है। कोरोना वैक्सीन के अफगानिस्तान पहुँचने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि ‘हम हमेशा अपने दोस्तों के साथ खड़े हैं।’ वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अत्मर ने ट्वीट कर इसे वास्तव में उदारता, प्रतिबद्धता और मजबूत साझेदारी का संकेत बताया।

(इंडिया साइंस वायर)

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